Horror stories in hindi chudail ki kahani । chudail story in hindi । चुडैल की कहानी

Horror stories in hindi chudail ki kahani । chudail story in hindi ।  चुडैल की कहानी 

Chudail story in hindi / horror 

Horror story for kids । Chudail story in hindi। चुड़ैल की मुक्ती हिंदी कहानी


कहानी की शुरुआत विलासपूर गांव से होती हैं जहाँ चुडैल के द्वारा शिकार की घटनाए होती रहती थी। गांव के लोग चुडैलों को रोकने हेतु कई प्रकार के हथकंडे अपनाते थे जिसके चलते घटनाए कम हो जाने लगी। मगर एक दिन शरद को अपनी पत्नी के आसपास एक चुडैल दिख रहीं थी इस कारण शरद अपनी पत्नी पर शक करता हैं।

अगले दिन शरद बिना जाँच किए अथवा लोगों की सहायता लिए बिना अपनी पत्नी श्रद्धा पर शक करके जीवित हीं जला देता हैं उसके दोनों बच्चे भुख प्यास से व्याकुल होकर दम तोड देते हैं। गांव वाले निर्दयी शरद को पिटकर पोलिस को सौंप देते हैं। गांववाले उसी दिन विधी विधान से तीनों का अंतिम संस्कार देते हैं मगर उससे हीं कुछ अजीब हो चुका था जो किसी को दिखाई नहीं देता।

शरद की पत्नी श्रद्धा एक चुडैल बन जाती हैं और दोनों बच्चे भूत बन जाते हैं। कुछ दिनों तक सब ठिक रहता हैं। जो उस घर में जाता एक तो पागल हो जाता अथवा मारा जाता। कुछ वर्ष बाद रहने आई काजल भी चुडैल का शिकार होने लगती हैं आखिर में काजल तंग आकर पुजारी वासुदेव की मदद से चुडैल को लाल किताब में कैद देती हैं। कोई अन्य भी इसका शिकार ना हो इसिलिए किताब को सुरक्षित रख देती हैं और अपनी होने वाली बेटी को भी नहीं बताती।

यहाँ से कहानी तनया और उसकी माँ काजल की ओर मुड जाती हैं तब वे साधरण जीवन जीने में लगी रहती हैं। तनया एक अस्थिर लडकी हैं हमेशा कुछ ना कुछ शैतानीयान करती रहती थी। खेल-कूद पसंद करने वाली तनया कभी इधर भागती कभी उधर भागती। तनया को पढना अच्छा नहीं लगता, अगर किसी ने पढ़ने के कह दिया तो मानो उसकी जान ही मांग ली हो, उसे पढ़ना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था। साथ हीं बहाने बनाने में महिर थी।

तनया चाहती थी कि वह हमेशा खेलती-कूदती रहे और तनया की मां काजल उसे रोज़ शाम को पढ़ने के लिए बिठा देती थी। एक दिन तनया अपना सबसे पसंदीदा खेल- खेल रही थी।

जैसे ही उसकी मां ने उसे पढ़ने को कहा वह बहुत ज्यादा गुस्सा हो गई। तनया ने सोचा कि अगर वह घर की सारी किताबें जला दे तो उसकी प्रॉब्लम हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। इस कारण सारी किताबों को जमा कर दी।

अगले दिन जब उसकी मां काजल घर पर नहीं थी। तान्या ने सारी किताबों में आग लगा दी उस आग में एक लाल किताब भी थी। किंतु तनया को पता नहीं था इसका क्या परिमाण होगा। जैसे ही लाल किताब जली, बिजली जोर-जोर से गढ़- गढ़आने लगी, तेज हवाएँ चलने लगी और अचानक से एक लपट तरंग बाहर निकली जो धीरे- धीरे एक औरत का रूप लेने लगी तनया उसे देखकर बहुत ज्यादा डर गई।

तभी अचानक से डरी हुई उसकी मां काजल वहाँ पर आ गई और तनया को एक जोरदार थप्पड़ लगा दिया और तनया की मां तुरंत उसे पूजा वाले कमरे में ले गई।

मां ने तनया को बताया कि जब वह लोग इस घर में आए थे, तब कुछ लोग कहते थे कि इस घर में एक चुड़ैल का साया है तो उन लोगों ने एक बड़े पुजारी वासुदेव जी को बुलाकर इस घर की पूजा कराई और उस पुजारी ने अपनी शक्ति से उस चुड़ैल के साए को इस किताब के अंदर कैद कर दिया, और बोला कि कभी भी इस किताब को कोई हाथ ना लगाएँ और अगर गलती से किसी ने इसे आग में डाल दिया तो यह चुड़ैल वापस आज़ाद हो जाएगी। यह चुडैल बाद में सबको मार देगी शायद रोकना भी कठिन होगा।

तनया यह बात सुनकर डर गई और बोली “मां अब क्या करें?”

तब माँ ने बोला पुजारी वासुदेव जी ने उन्हें एक पवित्र जल दिया था कि अगर यह चुड़ैल कभी गलती से बाहर आ भी जाए तो इस जल को छिड़ककर उस चुड़ैल को फिर से कैद किया जा सकता है। माँ काजल ने देवघर में रखा पवित्र जल उठा लिया।

पर अब समस्या यह थी कि यह जल छिड़का कैसे जाएं? क्योंकि वह चुड़ैल काफी गुस्से में थी, क्योंकि उसे इतने लंबे समय तक के लिए इस किताब में बंद कर दिया था। किताब में बंद रहने से चुडैल ताकदवर हो गई।

तभी अचानक वहां रोते बिलखते दो छोटे-छोटे बच्चे आ गए और वह चुड़ैल उन बच्चों के पास शांति से खड़ी थी। माँ काजल धीरे से कमरे से बाहर आई और उस चुड़ैल से बात करने की कोशिश करने लगी। जैसे उस चुड़ैल ने माँ को देखा, वह चुड़ैल माँ पर हमला करने के लिए भागी, मां के हाथ में वह पवित्र जल था।

उस जल को देखकर चुड़ैल डर गई और वहीं रुक गई और बोली, “मेरे पर यह जल मत डालो मेरे बच्चे फिर अकेले हो जाएंगे।” मां ने उस चुडेल को बड़े ध्यान से देखा और पूछा कि तुम्हारे साथ क्या हुआ था?

चुड़ैल बोली “मेरे पति ने मुझे वही जिंदा जला दिया था और मेरे बच्चे भूखे बिलखते रह गए और ऐसे ही उन्होंने भी दम तोड़ दिया। बस अंतर इतना रहा कि मैं तो चुड़ैल बन गई और मेरे बच्चे भूत बन गए तब से हम यहीं रहते थे, पर 10 साल पहले तुम आए और तुम ने मुझे इस किताब में कैद कर दिया। आज मैं वापिस आज़ाद हुई हूं, मैं अपने बच्चों को वापिस अकेले नहीं छोड़ना चाहती हूं।”

मां सोचने लगी की अगर यह चुड़ैल ऐसे ही रही और लोगों को नुकसान पहुंचाएगी, तभी चुड़ैल बोली कि तुम हम पर जल मत डालो, हमें मुक्ति दिला दो…  मां ने पूछा कि मैं तुम्हें मुक्ति कैसे दिला सकती हूं?

चुड़ैल बोली कि तुम इस घर के पीछे बाले नीम के पेड़ के नीचे एक यज्ञ हवन कराओ और मेरे और मेरे बच्चों की आत्मा की मुक्ति के लिए प्रार्थना करो।

मां ने पूछा कि उस पेड़ के नीचे क्यों? चुड़ैल बोली कि मेरे पती ने मुझे यहीं जलाया था और अगर कोई उस पेड़ के नीचे हवन करता है और मेरी और मेरे बच्चों की मुक्ति की प्रार्थना करता है तो हमें मुक्ति मिल सकती है।

अगले दिन तनया ?? की मां ने वहां पर एक छोटा सा हवन कराया। जिसमें उन लोगों ने उस चुड़ैल और उसके बच्चों की मुक्ति के लिए प्रार्थना करी इससे उस चुड़ैल और उसके बच्चों को मुक्ति मिल गई और वह हमेशा के लिए वहां से चले गए।

और तनया को भी यह बात समझ आ गई कि हमें ऐसे सारी किताबें नहीं जलानी चाहिए और हमें पढ़ना भी चाहिए। जिससे हम अच्छे और समझदार इंसान बन सके।


Moral of the story in hindi :- 

कोई व्यक्ती जन्म से बुरा नहीं होता, हालात उसे बुरा बना देते हैं। उसे अपने आपको सुधारने का मौका देना चाहिए।??


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